Stri Vashikaran Mantra

Stri Vashikaran Mantra

Stri Vashikaran Mantra

ॐ ठः ठः ठः ठः अमुकीं (नाम लें) मे वशमानय स्वाहा ह्रीं क्लीं श्रीं श्रीं क्लीं स्वाहा । श्री बटुकाय नमः।।

प्रयोग विधि – इस मंत्र को १०००० जप रविवार के दिन जप करने से सिद्ध होता है ।। इसके प्रयोग करने की यह विधि है कि जौ का आटा सवा पाव महीन पीस कर १ एक रोटी बेले और उसे मन्द मन्द आंच पर सैकें दूसरी तरफ न सैकें एक ही तरफ ऎसी सैके कि दोनों तरफ सिक जाये ।। फिर जिधर सैक नही लगाया है उधर उपरोक्त मंत्र तर्जनी (राइट हैंड की फस्ट फिंगर) से सिंदूर से लिखें ।। फिर पंचोपचार पूजा कर मिष्ठान, दही, चीनी उस रोटी के उपर रखना यह सब वस्तु इस प्रकार रखना जिससे रोटी ढक जाये ।।

इस प्रकार करके जिसे वश में करना हो उसका नाम ले लेकर उपरोक्त मंत्र का १०८ एक सौ आठ बार जप करें उसके बाद मंत्र पढ पढ के उस रोटी के टुकडे २ करके काले कुत्ते को खिलायें इस प्रकार करने से स्त्री अवश्य वश मे होती है ।। जो पंचोपचार पूजन सामग्री है । वह मंत्र के पुरश्चरण के बाद दक्षिणा सहित गोरे बटुक नाथ ( आठ या दस साल ) के बालक को दे ।। पंचोपचार सामग्री यह है – गंध, सुपारी, पान, दीपक