Tag: कर्ज-मुक्ति के लिये उपाय

पति मोहन मंत्र Pati mohan mantra

पति मोहन मंत्र Pati mohan mantra

पति मोहन मंत्र Pati mohan mantra

Mantra – “ om asy sri sundrimantr swarth varn

                       Rishi iti swhipas swaha ”

Vidhi – जिस  स्त्री  का  पति  उससे  संतुस्ट  न  रहता  हो  , उस  स्त्री  को  निम्न  मंत्र  का  प्रतिदिन  108 दिन  tak 108 बार  जप  कर्मा  चाहिए  ,इससे  पति  पत्नी  पर  आकर्षित  होगा  तथा   दोनों  का  जीवन  आनद  मेय   हो  जायेगा  |

पति मोहन मंत्र Pati mohan mantra

Vashikaran Karne Ke Aasan Upay वशीकरण करने के आसान उपाय

Vashikaran Karne Ke Aasan Upay वशीकरण करने के आसान उपाय

Vashikaran Karne Ke Aasan Upay वशीकरण करने के आसान उपाय

1. यदि शत्रु अनावश्यक परेशान कर रहा हो तो भोजपत्र का टुकड़ा लेकर उस पर लाल चंदन से शत्रु का नाम लिखकर शहद की डिब्बी में डुबोकर रख दें। शत्रु वश में आ जाएगा।
2. काले कमल, भवरें के दोनों पंख, पुष्कर मूल, श्वेत काकजंघा – इन सबको पीसकर सुखाकर चूर्ण बनाकर जिस पर डाले वह वशीभूत होगा।
3. छोटी इलायची, लाल चंदन, सिंदूर, कंगनी , काकड़सिंगी आदि सारी सामग्री को इक्ट्ठा कर धूप बना दें व जिस किसी स्त्री के सामने धूप देगें वह वशीभूत होगी।
4. काकजंघा, तगर, केसर इन सबको पीसकर स्त्री के मस्तक पर तथा पैर के नीचे डालने पर वह वशीभूत होती है।
5. तगर, कूठ, हरताल व केसर इनको समान भाग में लेकर अनामिका अंगुली के रक्त में पीसकर तिलक लगाकर जिसके सम्मुख आएंगे वह वशीभूत हो जाएगा। ज्यादातर सभावशीकरण करने के लिए यह प्रयोग किया जाता है।
6. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में अनार की लकड़ी तोड़कर लाएं व धूप देकर उसे अपनी दांयी भुजा में बांध लें तो प्रत्येक व्यक्ति वशीभूत होगा।
7. शुक्ल पक्ष के रविवार को ५ लौंग शरीर में ऐसे स्थान पर रखें जहां पसीना आता हो व इसे सुखाकर चूर्ण बनाकर दूध, चाय में डालकर जिस किसी को पिला दी जाए तो वह वश में हो जाता है।
8. पीली हल्दी, घी (गाय का), गौमूत्र, सरसों व पान के रस को एक साथ पीसकर शरीर पर लगाने से स्त्रियां वश में हो जाती है।
9. बैजयंति माला धारण करने से शत्रु भी मित्रवत व्यवहार करने लगते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने यह माला पहनी हुई थी व उन्हें यह अतिप्रिय थी व उनमें सबको मोहित करने की अद्भुत क्षमता भी थी।
10. कई बार पति किसी दूसरी स्त्री के चंगुल में आ जाता है तो अपनी गृहस्थी बचाने के लिए स्त्रियां यह प्रयोग कर सकती हैं। गुरुवार रात 12 बजे पति के थोड़े से बाल काटकर जला दें व बाद में पैर से मसल दें अवश्य ही जल्दी ही पति सुधर जाएगा।
11. कनेर पुष्प व गौघृत दोनों को मिलाकर, वशीकरण यंत्र रखें व आकर्षण मंत्र का जप करें। जिसका नाम लेकर 108 बार जप करेंगे तो वह सात दिन के अंदर वशीभूत हो जाएगा।
Vashikaran Karne Ke Aasan Upay वशीकरण करने के आसान उपाय
सास ससुर को वश में करने का उपाय

सास ससुर को वश में करने का उपाय

सास ससुर को वश में करने का उपाय

सास ससुर को वश में करने का उपाय :-

अगर आप अपने सास और ससुर को वश में करना चाहती हो तो सास या ससुर के कपडे का टुकड़ा का काटकर उस पर लाल पेन से उनका नाम लिख कर ७ दिन तक अपने पास रखे और ७ दिन क बाद उसके समसान में जाकर दफ़न कर दे या जला दे ,

यदि आप अपनी सास या ससुर के व्यवहार से परेशान हैं तो रोटी पर काली स्याही से सास का नाम लिखकर काली कुतिया को खिला दे इसी तरह काली स्याही से रोटी पर ससुर का नाम लिखकर काले कुत्ते को खिला दें

सास ससुर को वश में करने का उपाय

Ruthi hui stri ko Mnane Ka Tarika रूठी हुई स्त्री को मनाने का तरीका

Ruthi hui stri ko Mnane Ka Tarika रूठी हुई स्त्री को मनाने का तरीका

Ruthi hui stri ko Mnane Ka Tarika रूठी हुई स्त्री को मनाने का तरीका

रूठी हुई स्त्री को मनाने का तरीका :-

“मोहिनी माता, भूत पिता, भूत सिर वेताल। उड़ ऐं काली ‘नागिन’ को जा लाग। ऐसी जा के लाग कि ‘नागिन’ को लग जावै हमारी मुहब्बत की आग। न खड़े सुख, न लेटे सुख, न सोते सुख। सिन्दूर चढ़ाऊँ मंगलवार, कभी न छोड़े हमारा ख्याल। जब तक न देखे हमारा मुख, काया तड़प तड़प मर जाए। चलो मन्त्र, फुरो वाचा। दिखाओ रे शब्द, अपने गुरु के इल्म का तमाशा।”

विधि- मन्त्र में ‘नागिन’ शब्द के स्थान पर स्त्री का नाम जोड़े। शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से 8 दिन पहले साधना प्रारम्भ करे। एक शान्त एकान्त कमरे में रात्रि मे १० बजे शुद्ध वस्त्र धारण कर कम्बल के आसन पर बैठे। अपने पास जल भरा एक पात्र रखे तथा ‘दीपक’ व धूपबत्ती आदि से कमरे को सुवासित कर मन्त्र का जप करे। ‘जप के समय अपना मुँह स्त्री के रहने की स्थान / दिशा की ओर रखे। एकाग्र होकर घड़ी देखकर ठीक दो घण्टे तक जप करे। जिस समय मन्त्र का जप करे, उस समय स्त्री का स्मरण करता रहे। स्त्री का चित्र हो, तो कार्य अधिक सुगमता से होगा। साथ ही, मन्त्र को कण्ठस्थ कर जपने से ध्यान केन्द्रित होगा। इस प्रयोग में मन्त्र जप की गिनती आवश्यक नहीं है। उत्साह-पूर्वक पूर्ण संकल्प के साथ जप करे, सफलता जल्दी ही आपके कदम चूमेगी और कितनी भी कठोर ;दिल क्यों ना हो आपकी और खींची चली आएगी
यदि आप यह करने में असमर्थ हो या जल्दी समाधान चाहते तो हमसे संपर्क करे !

Ruthi hui stri ko Mnane Ka Tarika रूठी हुई स्त्री को मनाने का तरीका

प्रेमी-प्रेमिका वशीकरण मंत्र (Premi Premika Vashikaran Mantra)

प्रेमी-प्रेमिका वशीकरण मंत्र (Premi Premika Vashikaran Mantra)

प्रेमी-प्रेमिका वशीकरण मंत्र (Premi Premika Vashikaran Mantra)

‘कामाख्‍या देश कामाख्‍या देवी,
जहां बसे इस्‍माइल जोगी,
इस्‍माइल जोगी ने लगाई फुलवारी,
फूल तोडे लोना चमारी,
जो इस फूल को सूँघे बास,
तिस का मन रहे हमारे पास,
महल छोडे, घर छोडे, आँगन छोडे,
लोक कुटुम्‍ब की लाज छोडे,
दुआई लोना चमारी की,
धनवन्‍तरि की दुहाई फिरै।’
”किसी भी शनिवार से शुरू करके 31 दिनों तक नित्‍य 1144 बार मंत्र का जाप करें तथा लोबान, दीप और शराब रखें, फिर किसी फूल को 50 बार अभिमंत्रित करके स्‍त्री को दे दें। वह उस फूल को सूँघते ही वश में हो जाएगी।”

प्रेमी-प्रेमिका वशीकरण मंत्र (Premi Premika Vashikaran Mantra)

 

काला जादू हटाने के उपाय-भूत-प्रेत निवारक ज्योतिषीय सामग्री

काला जादू हटाने के उपाय-भूत-प्रेत निवारक ज्योतिषीय सामग्री

काला जादू हटाने के उपाय-भूत-प्रेत निवारक ज्योतिषीय सामग्री

मनुष्य जब भूत-प्रेत अथवा नजर, हाय या किसी दुष्ट आत्मा के जाल में फंस जाता है तब उसकी समस्या का समाधान करना दुष्कर कार्य होता है। ऐसे में बाधित व्यक्तियों को ज्योतिषीय सामग्रियों के धारण या पूजन से अवश्य लाभ मिलता है। नजर सुरक्षा लाॅकेट स्वास्थ्यवर्द्धक और जीवन की बाधाओं को हटाने वाला लाॅकेट है। बुरी नजर से बचाव करता है। तंत्र-मंत्र-जादू, टोने के दुष्प्रभाव को काटता है व शनि दोष, साढ़ेसाती, ढैय्या की अवधि में, विशेष रूप से शुभ रहता है। नजर दोष निवारक लाॅकेट पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से धारण करने पर धारक की सभी पराबाधाओं का निवारण होता है। इसके चमत्कारिक प्रभाव से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार धारक को आशा और उन्नति की ओर लेकर जाता है। बाधामुक्ति कवच बाधामुक्ति कवच पांचमुखी, तेरहमुखी तथा गणेश रुद्राक्ष के संयुक्त मेल से बनाया गया है। तेरह मुखी रुद्राक्ष विश्वेश्वर का प्रतीक होने के कारण सभी बाधाओं को नष्ट करता है। पांचमुखी रुद्राक्ष, महारुद्र स्वरूप है और पाप, ताप आदि अशुभ बाधाओं से रक्षा करता है। गणेश रुद्राक्ष विघ्नेश्वर का स्वरूप होने के कारण जीवन में आने वाली सभी विघ्न-बाधाओं को दूर करता है। इस बाधामुक्ति कवच को धारण करने से धारणकर्ता के जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का निराकरण होता है। काले घोड़े की नाल घर में मुख्य दरवाजे पर काले घोड़े की नाल लगाने से नजर दोष दूर होता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि की ढैय्या, शनि की साढ़ेसाती, शनि की दशा चल रही हो, उन व्यक्तियों के लिए शनि उपाय करना विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकता है। घोड़े की नाल शीघ्र सफलता प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है। मोटर वाहन में सामने लगाकर प्रतिष्ठित किया जाये, तो दुर्घटना की आशंका कम होती है। काले घोड़े की नाल की अंगूठी काले घोड़े की नाल की अंगूठी नीच कर्मों से दूर रखती है तथा भूत-प्रेत, टोना, टोटका, नजर दोष आदि से बचाती है। एवं परिवार में कलह-पीड़ा नहीं होती। यह नौकरी पेशावालों के लिए भी उपयोगी है। ज्योतिष के अनुसार शनि जीवन में कई बार ढैय्या, साढ़ेसाती, महादशा व अंतर्दशा के रूप में प्रभावी होते हैं। इस स्थिति में काले घोड़े की नाल अंगूठी में धारण करना शनि दोषों का निवारण करता है। काले हकीक की माला घर से दरिद्रता दूर करने के लिए काले हकीक की माला को पूजा घर में स्थित माता लक्ष्मी के चित्र पर चढ़ा दें। ऐसा करने से साधक की आर्थिक स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होना शुरू हो जाएगा। काले हकीक की माला पर हनुमान मंत्र का जप करने से शत्रु बाधा और प्रेत बाधा का निवारण होता है। जन्म पत्रिका में शनि अकारक होने पर तथा शनि से संबंधित वस्तुओं के व्यापारियों को शनि उपासना नियमित रूप से करनी चाहिए। काले हकीक की माला पर शनि के मंत्र का जप करना अत्यंत लाभकारी रहता है। बगलामुखी यंत्र बगलामुखी यंत्र द्वारा शत्रुओं पर विजय व वांछित सफलता प्राप्त हो सकती है। बगलामुखी यंत्र बुरी शक्तियों से बचाव के लिए अचूक यंत्र है। बगलामुखी यंत्र अकाल मृत्यु, दंगा फसाद, आपरेशन आदि से बचाव करता है। इसे गले में पहनने के साथ-साथ पूजा घर में रख सकते हैं। अपनी सफलता के लिए कोई भी व्यक्ति इस यंत्र का उपयोग कर सकता है। भैरव यंत्र के सहयोग से आप भैरव जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। भैरव यंत्र भूत-प्रेत, काले जादू के प्रभाव को दूर करने में सहयोग करता है, तंत्र-मंत्र की नकारात्मक शक्तियों से व्यक्ति को बचा कर रखता है तथा सकारात्मक शक्तियों की शुभता बनाए रखता है। श्री भैरव यंत्र स्वास्थ्य सुख देने वाला यंत्र है। इस यंत्र से आप अपने ऋण, रोग पर विजय प्राप्त करने में सफल हो सकते है। व्यावसायिक समस्याओं का निवारण करने में भी भैरव यंत्र लाभकारी सिद्ध होता है। श्री भैरव यंत्र के सभी शुभ फल प्राप्त करने के लिए इस यंत्र की नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए। संपूर्ण बाधामुक्ति यंत्र शत्रुओं पर विजय, मुकद्दमे में जीत, रुके कार्यों में सफलता और बुरी नजर से बचाव के लिए संपूर्ण बाधामुक्ति यंत्र बहुत प्रभावशाली है। इससे जातक का चोट, दुर्घटना, दुर्भाग्य आदि से बचाव होता है। जातक का प्रभामंडल उज्जवल होता है। संपूर्ण बाधामुक्ति यंत्र में महामृत्युंजय यंत्र, बगलामुखी यंत्र, नवग्रह यंत्र, वशीकरण यंत्र, वाहन दुर्घटना नाशक यंत्र, शनि यंत्र, राहु और केतु यंत्र, वास्तु दोष निवारण यंत्र, गणपति यंत्र और कालसर्प यंत्र सम्मिलित हैं। गीता यंत्र संपूर्ण जगत में श्रीमदभगवत गीता का पाठ अति लाभप्रद है। गीता पाठ करने वालों को यह यंत्र अवश्य ही अपने पास रखना चाहिए। यंत्र के सम्मुख गीता पाठ करने से सहस्त्रोगुण से अधिक फल मिलता है। पाठ करने में असमर्थता होने पर यंत्र के सम्मुख शुद्ध मन से तुलसी या पंचमुखी रूद्राक्ष की माला पर जप करना विशेष लाभ देता है। गीता यंत्र पर प्रतिदिन ग्यारह की संख्या में बिल्वपत्र अर्पण करने से लक्ष्मी जी संतुष्ट होकर लाभवृद्धि करती हैं। घर में शांति का वातावरण बना रहता है। गीता यंत्र की उपासना से भूत-प्रेत एवं पितृ दोष की शांति होती है तथा गीता यंत्र की उपासना से विद्या प्राप्ति होती है। श्री हनुमान जी कृपा यंत्र जो व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहता है। उसे प्रतिदिन इस यंत्र का पूजन करना चाहिए। इसके अतिरिक्त जिन व्यक्तियों की कुंडली में मांगलिक योग हो, उन व्यक्तियों के लिए इस यंत्र का पूजन करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है। श्री हनुमान कृपा यंत्र के नियमित पूजन से सभी प्रकार की ऊपरी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। ऊपरी बाधा, नजर, टोना-टोटका, भूत-प्रेत आदि की शांति एवं इनसे होने वाले कष्टों से बचने के लिए लोबान, गंधक, राई एवं काली मिर्च को हनुमान यंत्र के ऊपर से 7 बार फेर कर घर के प्राणियों के पास रखने से ऊपरी बाधाएं नष्ट होती हैं। ग्यारहमुखी रुद्राक्ष साक्षात रुद्र है। यह 11 रुद्रों एवं भगवान शंकर के ग्यारहवें अवतार संकटमोचन महावीर बजरंगबली का प्रतीक है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को सांसारिक ऐश्वर्य और संतान सुख प्राप्त होता है और उसकी सारी ऊपरी बाधाएं दूर होती हैं। तेरहमुखी रुद्राक्ष साक्षात इंद्र का स्वरूप है। यह कार्तिकेय के समान समस्त प्रकार के ऐश्वर्य देता है और कामनाओं की पूर्ति करता है। इसे धारण करने से व्यक्ति सभी प्रकार की धातुओं एवं रसायनों की सिद्धि का ज्ञाता हो जाता है। कुछ विद्वानों के अनुसार कामदेव को भी तेरहमुखी रुद्राक्ष का देवता माना गया है। इसका प्रभाव शुक्र ग्रह के समान होता है। यह निःसंतान को संतति प्रदान करने वाला, सुख, शांति, सफलता एवं आर्थिक समृद्धि प्रदायी रुद्राक्ष है। पंद्रहमुखी रुद्राक्ष भगवान पशुपतिनाथ का स्वरूप माना गया है। यह धारक के आर्थिक एवं आध्यात्मिक स्तर को उठाकर उसे सुख, संपदा, मान- सम्मान-प्रतिष्ठा एवं शांति प्रदान करता है। पंद्रहमुखी रूद्राक्ष विशेष रूप से नजर दोष और भूत बाधा से मुक्ति प्राप्ति के लिए धारण किया जाता है। बीसमुखी रुद्राक्ष को जनार्दन स्वरूप कहा गया है। इसे धारण करने से भूत, पिशाच आदि का भय नहीं रहता। साथ ही क्रूर ग्रहों का अशुभ प्रभाव भी नहीं पड़ता है। वह श्रद्धा एवं तंत्र विद्या के जरिए विशेष सफलता प्राप्त करता है। उसे सर्पादि विषधारी प्राणियों का भी भय नहीं होता है।

काला जादू हटाने के उपाय-भूत-प्रेत निवारक ज्योतिषीय सामग्री

स्त्री को वश में करने के टोने- टोटके Stri Ko Vash Me Karny K Totke

स्त्री को वश में करने के टोने- टोटके Stri Ko Vash Me Karny K Totke

स्त्री को वश में करने के टोने- टोटके Stri Ko Vash Me Karny K Totke

स्त्री को वश में करने के टोने- टोटके  ,” कई बार ऐसा होता है कि आप किसी स्त्री की और आकर्शित हो जाते है| और उसे चाहते है पर ऐसा जरुरी नहीं होता की अगर आप किसी भी व्यक्ति को चाहे तो बदले में वो भी आपको चाहे, पर आप उसके बिना रह भी नहीं पाते है और किसी भी हालत में उसे पाना चाहते है, जो की अगर आप सामान्य रूप से ये सब सच होते देखना चाहते है तो बहुत मुश्किल है और बाकि आपकी किस्मत है पर टोने- टोटके ऐसी शक्ति होती है जिसके प्रयोग से आप जो चाहे पा सकते है तो आइये जानते है कुछ टोन-टोटके जो आपकी मदद कर सकते है:- 1. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में अनार की लकड़ी तोड़कर लाएं व धूप देकर उसे अपनी दांयी भुजा में बांध लें तो प्रत्येक व्यक्ति वशीभूत होगा। 2.काकजंघा, तगर, केसर इन सबको पीसकर स्त्री के मस्तक पर तथा पैर के नीचे डालने पर वह वशीभूत होती है। 3.टी इलायची, लाल चंदन, सिंदूर, कंगनी , काकड़सिंगी आदि सारी सामग्री को इक्ट्ठा कर धूप बना दें व जिस किसी स्त्री के सामने धूप देगें वह वशीभूत होगी।